अब हमारी आँखो की रोशनी ही कमजोर हो गई। - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Wednesday, 4 April 2018

अब हमारी आँखो की रोशनी ही कमजोर हो गई।

                         हिन्दी कविता

                  Papular Hindi poem
आप सब

                      
जिंदगी को समझने में।
 हर आँरजु अधूरी हो गई।।

 करना सब कुछ चाहते थे।
  पर नियत अनेक हो गई।

   जब मिली सारी खुशियां तो।
   सहज गए थे, हम।।

    दिया ऊपर वाले ने,
     बहुत कुछ।
      
पर,
हमने ओडी ओ ,
माया की चादऱ फटी हो गई।।
           
देखना चाहते थे,
अपनी आंँखों से खुशी के नजारे।।

पर ,अब हमारी आंँखों की रोशनी ही ,
  शायद कमजोर हो गई।

पर ,अब हमारी आँखों की 
रोशनी ही शायद कमजोर हो गई ।
-दिलीप पवार-

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