Hindi poem
हिंदी कविता
ऐ आँशुओ , जरा थम कर बरसो ।
ऐ आँशुओ , जरा थम कर बरसो ।
ओ हवाओं में ,मिलने आ रही है ।
उसी की यादें जमा है ,हमारे पास ।
उसी की यादें जमा है ,हमारे पास ।
ओ हृदय से, अश्कों को किस्तों में मांग रही है ।
छुती है, आज भी उसकी खुशबू ,सारे जहा में।
लगता है ,लगता है ,ओ आज भी पहली ,बार मिलने आ रही है ।
तड़प मेरी ,एहसास ओ तेरे ,
तडप मेरी,एहसास ओ तेरे ।
आज भी ,आज भी ,संभाल कर रखी है।
उसने हमारी निशानी ।
हम जमाने को नहीं बताएंगे ।
आंख बंद ,बंद कर देखना।
तेरे दिल के अंदर हम मिलने आएंगे ।
तेरे दिल के अंदर हम मिलने आएंगे ।
(दिलीप पवार)
हिंदी कविता
ऐ आँशुओ , जरा थम कर बरसो ।
ऐ आँशुओ , जरा थम कर बरसो ।
ओ हवाओं में ,मिलने आ रही है ।
उसी की यादें जमा है ,हमारे पास ।
उसी की यादें जमा है ,हमारे पास ।
ओ हृदय से, अश्कों को किस्तों में मांग रही है ।
छुती है, आज भी उसकी खुशबू ,सारे जहा में।
लगता है ,लगता है ,ओ आज भी पहली ,बार मिलने आ रही है ।
तड़प मेरी ,एहसास ओ तेरे ,
तडप मेरी,एहसास ओ तेरे ।
आज भी ,आज भी ,संभाल कर रखी है।
उसने हमारी निशानी ।
हम जमाने को नहीं बताएंगे ।
आंख बंद ,बंद कर देखना।
तेरे दिल के अंदर हम मिलने आएंगे ।
तेरे दिल के अंदर हम मिलने आएंगे ।
(दिलीप पवार)

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