बस उसकी चाहत में hindi kavita - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Tuesday, 3 April 2018

बस उसकी चाहत में hindi kavita

             Hindi poem
           
उम्मीद से प्यार,
हवाओ से नजरे मिला बैठे ।
         
 हमने भी उसी सूरत से 
आंखें लगा बैठे ।

    उसी ने हमको बांध रखा था ,
        अपनी बाहों में ।

   जरा सी हलचल क्या हुई ,
             जमाने में ।

  सारे अंधेरे देकर हमें ,
अचानक भूला गई ।
                      
हम तो जिंदा थे, उसके गम में ।

 उसने तो सारी मोहब्बत् को ही
        कोई बदनाम कर दी ।
-Dileep pawar

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