कि तितर बितर की जिंदगी हो गई ।
यह ऐआई और ओ फस गई ।
अरे अरे मैंने भी क्या ,गुस्ताखी की ।
मन में मेरी छोटी छोटी उलझनो ने घर कर ली ।
अरे यह क्या हो गया ।
अरे यह क्या हो गया ।
पलकों पर कोई और ,
औरआंखों में कोई और बस गई ।
पलकों पर कोई और ,
और आंखों में कोई और बस गई ।
यह ऐआई और ओ फस गई ।
अरे अरे मैंने भी क्या ,गुस्ताखी की ।
मन में मेरी छोटी छोटी उलझनो ने घर कर ली ।
अरे यह क्या हो गया ।
अरे यह क्या हो गया ।
पलकों पर कोई और ,
औरआंखों में कोई और बस गई ।
पलकों पर कोई और ,
और आंखों में कोई और बस गई ।
Super
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