महोब्बत्
बेअसर निकले तेरे सारे वादे ।यादों ने तड़पना सिखाया ।
ख्वाबों ने महकना सिखाया।
रात की चांदनी ने ,अधूरा तारा दिखाया।
धूप ने जलना सिखाया।
आंँखों में बसी थी, तू।
मर भी जाते हम ,पर तेरे मुस्कुराते चेहरे ने
फिर से, हमें जीना सिखा दिया।
-दिलीप पवार
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