क्यो प्यार में धोखा मिलता है - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Saturday, 11 August 2018

क्यो प्यार में धोखा मिलता है



         फिर से मन उदास ...
कैसे अजनबी रास्ते है
      
         जो  मंजिल  में साथ चलकर,
         जो  मंजिल  में साथ चलकर
         
          अधूरे में छोड़ जाते हैं।
          यहां किसको कहें  ।  
    अपना ,अपना.........
   यहां तो कोई ,अपने ही दूर छोड़ जाते हैं।
  यहां तो कोई, अपने ही दूर छोड़ जाते है।
          (दिलीप पटले)

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