हमने आप को,
डर बना लिया।
जहां जगह न थी,
वहां घर बना लिया ।
महोब्बत् तो एक ना
एक दिन होनी थी ,
किसी से ।
जो कल करना था,
ओ आज कर लिया ।
कुछ तुमने बाते थाम ली ,
और कुछ मैं समझ गया ।
रास्ते बहुत थे ,मेरे पास ।
पर जलती आग मैं कुद गया ।
फिर पुछते है ,
लोग दर्द ए महोब्ब्त् कितनी है ।
हम तो आसमा को ही पी जाते ।
पर अच्छा हो गया,
तुमने अपना दिल
मेरे हाथ मे रख दिया ।
डर बना लिया।
जहां जगह न थी,
वहां घर बना लिया ।
महोब्बत् तो एक ना
एक दिन होनी थी ,
किसी से ।
जो कल करना था,
ओ आज कर लिया ।
कुछ तुमने बाते थाम ली ,
और कुछ मैं समझ गया ।
रास्ते बहुत थे ,मेरे पास ।
पर जलती आग मैं कुद गया ।
फिर पुछते है ,
लोग दर्द ए महोब्ब्त् कितनी है ।
हम तो आसमा को ही पी जाते ।
पर अच्छा हो गया,
तुमने अपना दिल
मेरे हाथ मे रख दिया ।

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