आप उम्मीद है, आरजु है ।
आप दिल के अन्दर है ।
हम पुछते है, हम कौन है ।
और आप अंतीम चरम पर मौन है ।
दिल से दिल कि बाते होती है । यारो ।
ऐसे कितने गुजरे जमाने है , पर
पारो अब भी तडपती है,
देवदास आज भी मौन है ।
किसको कहे दर्द अपना ।
जिस्को सुनाए वही जख्मी हो जाए ।
समुदर के पास बैठे है,सहज कर ।
प्यास बहुत है, हमे ।
पर अच्छा लगता है ,
महोब्बत मे ही तडपकर मर जाए ।
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आप दिल के अन्दर है ।
हम पुछते है, हम कौन है ।
और आप अंतीम चरम पर मौन है ।
दिल से दिल कि बाते होती है । यारो ।
ऐसे कितने गुजरे जमाने है , पर
पारो अब भी तडपती है,
देवदास आज भी मौन है ।
किसको कहे दर्द अपना ।
जिस्को सुनाए वही जख्मी हो जाए ।
समुदर के पास बैठे है,सहज कर ।
प्यास बहुत है, हमे ।
पर अच्छा लगता है ,
महोब्बत मे ही तडपकर मर जाए ।
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