Pyar वाली kavita
ज्यादा वक्त ना मांगो हमसे
फिर मत कहना चाहा हमने,
और कोई उड़ा ले , गया।
क्या कहूं आंखें आखिर दबी ,
और औठ खुले रखना
कभी वह हवा छू जाएंगी ,यादों की ।
कभी अपने बालों की घटाओं को भी
हाथों में संभाल कर रखना
हम तो तेरे ही पास खड़े रहेंगे, हमेशा
क्या चर्चा कोई और को सुनाना।
-Dileep pawar
ज्यादा वक्त ना मांगो हमसे
फिर मत कहना चाहा हमने,
और कोई उड़ा ले , गया।
क्या कहूं आंखें आखिर दबी ,
और औठ खुले रखना
कभी वह हवा छू जाएंगी ,यादों की ।
कभी अपने बालों की घटाओं को भी
हाथों में संभाल कर रखना
हम तो तेरे ही पास खड़े रहेंगे, हमेशा
क्या चर्चा कोई और को सुनाना।
-Dileep pawar
No comments:
Post a Comment