Best hindi kavita
कभी-कभी यूं ही हमने अपने जी को बहलाया ।
जिन बातों को खुद ही नहीं समझे ,
हमने अब औरों को समझाया।
किस्सा पुराना है, पर आंसू नहीं आए हैं ।
जो खुद ही नहीं उबरे अपने दर्द से ।
ओ हम को समझाएं हैं ,
यादे बनी रहेंगी ,
उनकी जीहन में, हम मिले ना जिनको को,
और वह हमको भुला ना पाए हैं ।
कभी कभी यूं ही हमने अपने जी को बहलाया है ।
जिन बातों को खुद ही नहीं समझे ,हमने औरों को समझाया है ।
यादों में कई बार टूटे कई बार बिखरे, पर उनकी यादों को भूल नहीं पाए हैं।
उनकी तस्वीर हर समय साथ में रखते हैं ,
जब भी याद आए गले लग जाते हैं ।
कभी कभी यूं भी हमने अपने जी को बहलाया जिन बातों को खुद नहीं समझे औरों को समझाया है ।
कभी-कभी यूं ही हमने अपने जी को बहलाया है जिन बातों को खुद नहीं समझे हमने औरों को समझाया है।
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