कहसे ना कह दु तुम मेरी ना हो,
कई दिनो से चाहत पुरानी है।।
सामने तो रहते थे ।हम तेरे
पर आखँ तुने अब मारी है।।
कह देना दुनिया वालो से
किस्से बहुत पुराने है
कागज बहुत लिखे, पर दिल
कि शाही हमने भिजवाई है।
पढ पढ कर ये आदत जो
हमने लगाई।
पढ पढ कर ये आदत जो
हमने लगाई।
जब ही तो हमारी महोब्बत रंग लाई है
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