इतना भी ...
इम्तहान ना ले मेरी जिंदगी।
की ,मै बिखर जाऊ ।
मै दर्द का बहुत कच्चा हूँ।
उर्म कुछ ढल गई है ,तो क्या हुआ ।
पर मैं, आज भी अपनी माँ का छोटा बच्चा हूँ।
-दिलीप (पवार)
इम्तहान ना ले मेरी जिंदगी।
की ,मै बिखर जाऊ ।
मै दर्द का बहुत कच्चा हूँ।
उर्म कुछ ढल गई है ,तो क्या हुआ ।
पर मैं, आज भी अपनी माँ का छोटा बच्चा हूँ।
-दिलीप (पवार)
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