आ वक्त समझलेने दे ।
कुछ पाना बाकी है ।
उमर बीत ग ई समझाने मे ।
मै समझ जाऊ अभी ऐ बाकी है ।
आँखे धुंधली हुई ,तो क्या हुआ ।
Pyar किसी जमाने मे किया था ।
और असर आज तक हो रहा है ।
कमब्खत उसकी यादे भी साथ नही छोडती ।
जब भी देखता हुँ ,
किसी खुबसुरत लडकी को ।
आज भी ओ याद आती है ।
आज भी ओ याद आती है । (दिलीप पंवार)
कुछ पाना बाकी है ।
उमर बीत ग ई समझाने मे ।
मै समझ जाऊ अभी ऐ बाकी है ।
आँखे धुंधली हुई ,तो क्या हुआ ।
Pyar किसी जमाने मे किया था ।
और असर आज तक हो रहा है ।
कमब्खत उसकी यादे भी साथ नही छोडती ।
जब भी देखता हुँ ,
किसी खुबसुरत लडकी को ।
आज भी ओ याद आती है ।
आज भी ओ याद आती है । (दिलीप पंवार)
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