Best hindi poem
अब उन्ही आँखो से हम ,जिते ।।
मिलती नही, ओ हकीगत में ।
हम तो उसके सपनो को भी,
यादो मेंं पीते ।।
ऐ ना जाने ,सुरज किव निकलता है,
उसके आने से पहले।।
उसके चलने से तो ,सारा जमाना ही,
रोशन हो जाता है ।।
कब तक छुपाये उसके जादु को।
कब तक छुपाये उसके जादु को।
अब तो किताबो मे भी ,बस उसी उसी
का नाम आता है ।
महोब्बत् क्या तुमने भी की है ।
ऐ पल तो हर किसी को आजमाता है
ऐ पल तो हर किसी को आजमाता है..
(दिलीप पटले.8370099421)
अब उन्ही आँखो से हम ,जिते ।।
मिलती नही, ओ हकीगत में ।
हम तो उसके सपनो को भी,
यादो मेंं पीते ।।
ऐ ना जाने ,सुरज किव निकलता है,
उसके आने से पहले।।
उसके चलने से तो ,सारा जमाना ही,
रोशन हो जाता है ।।
कब तक छुपाये उसके जादु को।
कब तक छुपाये उसके जादु को।
अब तो किताबो मे भी ,बस उसी उसी
का नाम आता है ।
महोब्बत् क्या तुमने भी की है ।
ऐ पल तो हर किसी को आजमाता है
ऐ पल तो हर किसी को आजमाता है..
(दिलीप पटले.8370099421)

Whhh
ReplyDelete