दिल के करीब poetry - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Thursday, 31 May 2018

दिल के करीब poetry

dilkekarib: प्यार:          
  अब मेरे ही हमदर्द वफा मांगते हैं ।
 जो खुद ही नहीं ,
  जाने प्यार को
अब ओ हमसे प्यार मांगते है ।           

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