Best Hindi kavita
हां हमें कुछ हो गया है ।
हर सांस में है ,
ओ ।क्या ?हो गया है ।
जरा उसने मुस्कुराया ,
नजरें झुका कर ।
और हम हां समझ बैठे ।
काली बदलों को हम ! बरसात समझ बैठे।
काली बदलों को हम !बरसात समझ बैठे।
ख्वाबों से उठे !जब हम तो,
ख्वाबों से उठे !जब हम तो,
अजनबी से हाथ मिला बैठे ।
हम ने छुआँँ उसको खुशबू समझकर ।
उसने हमको छुकर पत्थर से मूरत बना दिया ।
उसकी आंखों में अजब जादू है।
उसकी आंखों में अजब जादू है।
जैसे सागर की तड़पती मछलियों ने, ने लहरों को पी ....... लियाँ
जैसे सागर की तड़पती मछलियों ने ,ने लहरों को पी ...... लियाँँ ।
Dileep pawar.dilkekarib
हां हमें कुछ हो गया है ।
हर सांस में है ,
ओ ।क्या ?हो गया है ।
जरा उसने मुस्कुराया ,
नजरें झुका कर ।
और हम हां समझ बैठे ।
काली बदलों को हम ! बरसात समझ बैठे।
काली बदलों को हम !बरसात समझ बैठे।
ख्वाबों से उठे !जब हम तो,
ख्वाबों से उठे !जब हम तो,
अजनबी से हाथ मिला बैठे ।
हम ने छुआँँ उसको खुशबू समझकर ।
उसने हमको छुकर पत्थर से मूरत बना दिया ।
उसकी आंखों में अजब जादू है।
उसकी आंखों में अजब जादू है।
जैसे सागर की तड़पती मछलियों ने, ने लहरों को पी ....... लियाँ
जैसे सागर की तड़पती मछलियों ने ,ने लहरों को पी ...... लियाँँ ।
Dileep pawar.dilkekarib
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