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hindi poem
अच्छा हुआ हम सुंदर नही है ।
नही तो दुनिया मे आग लग जाती ।
तुम पुछते गुणाह कौन सा किया है ।
आबरु हवाओ को कौन सी महक दिया ।
जिसको देखता, ओ ही मर जाती ।
बद सुरत ही सही ,जिसको चाहा
ओ ही मिल जाए,
तो काफी है ।
अच्छा हुआ हम सुंदर नही है ।
नही तो दुनिया मे आग लग जाती ।
(दिलीप पवार)
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