कुछ पल आशियाने में जीने दो - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Monday, 6 November 2017

कुछ पल आशियाने में जीने दो

 
        कैसे बाते ना करू, जी नही लगता है।
         हर बात मे  नाम तुम्हारा, 
       तोफा मुझे  कुछ नही मिलता ।
       
   इकरार हो गया तो बस, प्यार मे रहने दो।
       
 समझ जायेगे सब कुछ ,कुछ पल आसीयानो
        जिने  दो । (दिलीप पंवार)

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