तनहाई भरी poerty - हिन्दी कविताएं- दिल के करीब

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Tuesday, 7 November 2017

तनहाई भरी poerty

   


      बहुत सारी उम्मीदो को
 लिख नही पाउगा।

   मन मे जो है,बीना देखे
 तुझे कैसे बताऊगा।

  तुम कहो तो दरीया पार ही कर जाऊ।
ना कहो तो किनारे पर ही मर जाऊ। 
-दिलीप पवार

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